पूजन अनुष्ठान
हमारे जीवन में जो भी अच्छा या बुरा हो रहा होता है उसके पिछे ग्रहों की चाल एक बड़ा कारण है। इन तमाम उतार चढ़ावों को रोकने के लिये और क्रोधित ग्रह को शांत करने के लिये धार्मिक व पौराणिक ग्रंथों
卐 श्रद्धा मेघं यश: प्रज्ञा: विघा पुष्टि श्रियं बलं 卐
हमारे जीवन में जो भी अच्छा या बुरा हो रहा होता है उसके पिछे ग्रहों की चाल एक बड़ा कारण है। इन तमाम उतार चढ़ावों को रोकने के लिये और क्रोधित ग्रह को शांत करने के लिये धार्मिक व पौराणिक ग्रंथों
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक के जीवन में जो कुछ घटित होता है वह ग्रहों की दशा व दिशा के प्रभावानुसार ही होता है। कोई देखते ही देखते रंक से राजा बन जाता है तो कोई राजा से रंक। किसी से खुशियां समेटी नहीं जाती तो किसी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है।
वैदिक कालीन शिक्षा का अर्थ अत्यधिक व्यापक था। वह शिक्षा जीवन से संबंधित थी और व्यक्ति को सभ्य तथा उन्नत बनाने में सहायक मानी जाती थी। विद्या के अभाव में व्यक्ति केवल पशु मात्र ही रह जाता है।शिक्षा के उद्देश्य और आदर्श महान थे।
पर्यावरण में वायु ,जल ,भूमि ,पेड़-पौधे, जीव-जन्तु , मानव और उसकी विविध गतिविधियों के परिणाम आदि सभी का समावेश होता हैं।
दैनिक जीवन में चल रही परेशानियों से कुछ समय के लिए मुक्ति पाने के लिए तीर्थ यात्रा करना सबसे अच्छा समाधान है। लगातार एक जैसी दिनचर्या की वजह से तनाव बढ़ता है और उत्साह कम होता है। ऐसे में जब हम तीर्थ यात्रा पर जाते हैं तो मन प्रसन्न होता है।